वनमाला: Difference between revisions

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'''वनमाला''' वन के फूलों से बनी माला को कहा जाता है तथा यह घुटनों तक लम्बी और ऋतु-पुष्पों की माला होती है।
'''वनमाला''' वन के फूलों से बनी माला को कहा जाता है तथा यह घुटनों तक लम्बी और ऋतु-पुष्पों की माला होती है।


'''उदाहरण'''- भाद्रपद की अँधेरी रात की अष्टमी तिथि पर [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] [[शंख]], [[चक्र]], [[गदा शस्त्र|गदा]], पद्म, वनमाला धारण किए हुए [[देवकी]] और [[वसुदेव]] के समक्ष प्रकट हुए। भगवान श्रीकृष्ण का दर्शन करके माता देवकी धन्य हो गयीं। पुन: [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] नन्हें शिशु के रूप में [[देवकी]] की गोद में आ गये।
'''उदाहरण'''- भाद्रपद की अँधेरी रात की अष्टमी तिथि पर [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] [[शंख]], [[चक्र अस्त्र|चक्र]], [[गदा शस्त्र|गदा]], पद्म, वनमाला धारण किए हुए [[देवकी]] और [[वसुदेव]] के समक्ष प्रकट हुए। भगवान श्रीकृष्ण का दर्शन करके माता देवकी धन्य हो गयीं। पुन: [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] नन्हें शिशु के रूप में [[देवकी]] की गोद में आ गये।





Revision as of 11:38, 3 March 2016

चित्र:Disamb2.jpg वनमाला एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- वनमाला (बहुविकल्पी)

वनमाला वन के फूलों से बनी माला को कहा जाता है तथा यह घुटनों तक लम्बी और ऋतु-पुष्पों की माला होती है।

उदाहरण- भाद्रपद की अँधेरी रात की अष्टमी तिथि पर श्रीकृष्ण शंख, चक्र, गदा, पद्म, वनमाला धारण किए हुए देवकी और वसुदेव के समक्ष प्रकट हुए। भगवान श्रीकृष्ण का दर्शन करके माता देवकी धन्य हो गयीं। पुन: श्रीकृष्ण नन्हें शिशु के रूप में देवकी की गोद में आ गये।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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