चार्ल्स जेम्स फ़ाक्स
चार्ल्स जेम्स फ़ाक्स (1749-1806 ई.) इंग्लैण्ड का राजनैतिज्ञ और प्रमुख सांसदिक था। 1783 ई. में उसने लॉर्ड नार्थ के साथ मिलकर इंग्लैण्ड में एक मंत्रिमण्डल का गठन किया। इसी वर्ष उसने संसद के सामने भारत सम्बन्धी विधेयक पेश किया, जिसमें ईस्ट इंडिया कम्पनी के कोर्ट ऑफ़ प्रोप्राइटर्स और बोर्ड आफ़ डाइरेक्टर्स दोनों को ही भंग करके सारे राजनीतिक और सैनिक अधिकार चार वर्षों के लिए पहले संसद और बाद को महाराज (क्राउन) द्वारा नियुक्त किये जाने वाले सात डायरेक्टरों या कमिश्नरों को हस्तांतरित कर देने का प्रस्ताव था। 'कामन सभा' (हाउस आफ़ कामन्स) ने तो इस विधेयक को भारी बहुमत से पास कर दिया, किन्तु जार्ज तृतीय द्वारा लॉर्ड टैम्पिल के ज़रिये किये जाने वाले विरोधी प्रचार के फलस्वरूप 'लॉर्ड सभा' (हाउस आफ़ लार्ड्स) ने उसे ठुकरा दिया। तदनन्तर जार्ज तृतीय ने फ़ाक्स और नार्थ के मंत्रिमण्डल को बर्ख़ास्त कर दिया। किन्तु फ़ाक्स अपने उदारवादी दृष्टिकोण के कारण भारतीय मामलों में गहरी दिलचस्पी लेता रहा। 1788 ई. में वारेन हेस्टिंग्स पर महाभियोग चलाने में उसका गहरा हाथ था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
भट्टाचार्य, सच्चिदानन्द भारतीय इतिहास कोश, द्वितीय संस्करण-1989 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 254।