वेवेल योजना
वेवेल योजना 14 जून, 1945 ई. को प्रस्तुत की गई थी। द्वितीय विश्वयुद्ध मित्र राष्ट्रों की विजय के साथ ही समाप्त हुआ। तत्कालीन भारतीय वायसराय वेवेल भारत में व्याप्त गतिरोध को दूर करने के लिए मार्च, 1945 ई. में इंग्लैण्ड गया। वहाँ उसने ब्रिटिश प्रधानमंत्री चर्चिल एवं भारतमंत्री एमरी से भारत के बारे में सलाह मशविरा किया।
योजना की मुख्य बातें
वेवेल 14 जून, 1945 ई. को भारत वापस आया और यहाँ आकर उसने भारतीयों के समक्ष 'वेवेल योजना' को रखा। 'वेवेल योजना' की मुख्य बातें इस प्रकार थीं-
- वायसराय की कार्यकारणी परिषद को पुनर्गठित किया जाये तथा उसमें सभी दलों को प्रतिनिधित्व दिया जाये।
- परिषद में वायसराय या सैन्य प्रमुख के अतिरिक्त शेष सभी सदस्य होगें तथा प्रतिरक्षा विभाग वायसराय के अधीन होगा।
- कार्यकारिणी परिषद में मुस्लिम सदस्यों की संख्या सवर्ण हिन्दुओं के बराबर होगी।
- कार्यकारिणी परिषद एक अन्तरिम राष्ट्रीय सरकार के समान होगी। गवर्नर-जनरल बिना कारण निषेधाधिकार का प्रयोग नहीं करेगा।
- कांग्रेस के नेता रिहा किये जायेंगे तथा शीघ्र ही शिमला में एक सर्वदलीय सम्मेलन बुलाया जायेगा।
- युद्ध समाप्त होने के उपरान्त भारतीय स्वयं ही संविधान बनायेंगे।
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