मिर्ज़ा इस्माइल
मिर्ज़ा इस्माइल
| |
पूरा नाम | सर मिर्ज़ा मुहम्मद इस्माइल 'अमीन-उल-मुल्क' |
जन्म | 23 अक्टूबर, 1883 |
मृत्यु | 5 जनवरी, 1959 |
कर्म भूमि | भारत |
विद्यालय | 'सेंट्रल कालेज', बंगलोर |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | नागपुर, अलीगढ़, आगरा, बनारस, पटना, ढाका आदि विश्वविद्यालयों के दीक्षांत भाषणों से मिर्ज़ा इस्माइल की शिक्षा संबंधी योग्यता का पता चलता है। |
सर मिर्ज़ा मुहम्मद इस्माइल 'अमीन-उल-मुल्क' (अंग्रेज़ी: Sir Mirza Muhammad Ismail 'Amin-ul-Mulq', जन्म- 23 अक्टूबर, 1883; मृत्यु- 5 जनवरी, 1959) सन 1908 में मैसूर के महाराजा के सहायक सचिव थे, जो कुछ समय बाद मैसूर के दीवान भी नियुक्त हुए।[1]
- मिर्ज़ा मुहम्मद इस्माइल की शिक्षा मैसूर और 'सेंट्रल कालेज', बंगलोर में हुई थी।
- वर्ष 1908 में वे महाराजा मैसूर के सहायक सचिव और कुछ काल बाद मैसूर के दीवान नियुक्त हुए थे।
- 'बंबई विश्वविद्यालय' के वाइस चांसलर पद पर भी मिर्ज़ा मुहम्मद इस्माइल ने कार्य किया था।
- लंदन में होने वाली पहली और दूसरी राउंड टेबुल कान्फ़्रेंस में ये भी शामिल हुए थे।
- मिर्ज़ा मुहम्मद इस्माइल 'अमीन-उल-मुल्क' भारत में शिक्षा संबंधी विषयों के शुभचिंतकों में से एक थे।
- नागपुर, अलीगढ़, आगरा, बनारस, पटना, ढाका आदि विश्वविद्यालयों के दीक्षांत भाषणों से उनकी शिक्षा संबंधी योग्यता का पता चलता है।
- मैसूर लौटने से पहले मिर्ज़ा मुहम्मद इस्माइल जयपुर राज्य के दीवान भी रहे थे।
- सन 1959 में मिर्ज़ा मुहम्मद इस्माइल का देहांत हुआ।[2]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ मिर्ज़ा इस्माइल (हिन्दी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 13 दिसम्बर, 2016।
- ↑ रज़िया सज्जाद ज़हीर, हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2, पृष्ठ संख्या 17