बटलर समिति रिपोर्ट: Difference between revisions

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*रिपोर्ट में देशी राजाओं की ये आशंकाएँ प्रतिलक्षित थीं कि [[भारत]] में लोकप्रिय शासन प्रचलित होने से वे अपने अधिकारों से वंचित हो जायेंगे।
*रिपोर्ट में देशी राजाओं की ये आशंकाएँ प्रतिलक्षित थीं कि [[भारत]] में लोकप्रिय शासन प्रचलित होने से वे अपने अधिकारों से वंचित हो जायेंगे।
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Latest revision as of 11:57, 6 November 2011

बटलर समिति रिपोर्ट 1929 ई. में सर हारकोर्ट बटलर द्वारा प्रस्तुत की गई थी। हारकोर्ट बटलर भारतमंत्री द्वारा गठित 'देशी रियासत समिति' (इंडियन स्टेट्स कमेटी) का 1927 ई. में अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। भारत की देशी रियासतों तथा सर्वोच्च (ब्रिटिश) सत्ता के सम्बन्धों की जाँच करना इस समीति का मुख्य विषय था।

  • भारत में सर्वोच्च (ब्रिटिश) सत्ता और देशी रियासतों के तत्कालीन सम्बन्धों की जाँच करने के उपरान्त समिति ने दोनों के वित्तीय एवं आर्थिक सम्बन्धों को व्यवस्थित करने के विषय में अपनी सिफ़ारिशें प्रस्तुत कीं।
  • इसकी आधारभूत सिफ़ारिश थी कि सर्वोच्च सत्ता और देशी राजाओं के बीच ऐतिहासिक सम्बन्धों को ध्यान में रखा जाये।
  • देशी राजाओं को उनकी सहमति के बिना भारतीय विधान मंडल के प्रति उत्तरदायी नयी सरकार से सम्बन्ध स्थापित करने के लिए विवश न किया जाये।
  • रिपोर्ट में देशी राजाओं की ये आशंकाएँ प्रतिलक्षित थीं कि भारत में लोकप्रिय शासन प्रचलित होने से वे अपने अधिकारों से वंचित हो जायेंगे।
  • भारतीय लोकमत ने इस रिपोर्ट को एक प्रकार से प्रतिगामी माना।
  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 266 |


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