बन्धुल

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 07:32, 22 January 2013 by गोविन्द राम (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

बन्धुल अथवा महाबन्धुल एक प्रसिद्ध बर्मी (बर्मा) सेनापति था। प्रथम आंग्ल-बर्मी युद्ध (1824-1826 ई.) छिड़ने पर उसने बंगाल में बर्मी सेना का नेतृत्व किया था। एक सेनापति के रूप में उसमें अद्भुत रणकौशल था। उसकी मृत्यु 2 अप्रैल, 1825 ई. में हुई थी।

  • प्रथम आंग्ल-बर्मी युद्ध के समय बन्धुल को अपनी सफलता तथा विजय का पूर्ण विश्वास था।
  • उसे सफलता मिलने का इतना भरोसा था कि गवर्नर-जनरल लॉर्ड एमहर्स्ट के लिए वह सोने की बेड़ियाँ अपने साथ लाया था।
  • बंधुल ने चटगाँव सीमा के निकट एक अंग्रेज़ रेजिमेण्ट को पूर्णत: पराजित कर दिया था।
  • अंग्रेज़ों ने इस बीच रंगून (अब यांगून) पर नौसेनिक अभियान करके मई, 1824 ई. में उस पर क़ब्ज़ा कर लिया।
  • ब्रिटिश आक्रमणकारियों का सामना करने के लिए तब बंधुल को बर्मा वापस बुला लिया गया।
  • यहाँ सेनापति के रूप में उसने बड़े रणकौशल का परिचय दिया, लेकिन रंगून (अब यांगून) के क़ब्ज़े के लिए दिसम्बर 1824 ई. में किये गये हमले में वह पराजित हो गया।
  • वहाँ से पीछे हटकर डोनाबियू में लकड़कोट के सहारे वह बहादुरी के साथ शत्रुओं का मुक़ाबला करता रहा।
  • तभी अचानक एक रॉकेट आ लगने के कारण 2 अप्रैल 1825 ई. में उसकी मृत्यु हो गई।
  • इस प्रकार प्रथम आंग्ल-बर्मा युद्ध में बर्मा पराजित हो गया।
  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 270 |


संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः