बेंजामिन डिसरायली: Difference between revisions

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'''बेंजामिन डिसरायली''' जिसे 'अर्ल ऑफ़ बीकन्सफ़ील्ड' के नाम से भी जाना जाता है, एक [[अंग्रेज़]] राजनीतिज्ञ और उपन्यासकार था। वह 1837 ई. में ब्रिटिश पार्लियामेंट का सदस्य बना और अनुदार दल के पील विरोधी गुट का नेता बन गया। वह पहले 1868 ई. में तथा बाद में 1874-80 ई. में [[ब्रिटेन]] का प्रधानमंत्री रहा। दूसरी बार प्रधानमंत्रित्व काल में [[भारत का इतिहास|भारतीय इतिहास]] पर अपनी छाप छोड़ी। 1874 ई. में स्वेज नहर कम्पनी के शेयर ख़रीद कर उसने [[भारत]] और ब्रिटेन के बीच एक सीधा निकट का रास्ता खोलने में मदद दी। उसी ने [[महारानी विक्टोरिया]] को 1877 ई. में भारत की साम्राज्ञी की उपाधि से विभूषित किया। इस प्रकार उसने भारत के ऊपर ब्रिटिश नरेश के सार्वभौम प्रभुत्व पर बल दिया। उसने वाइसराय [[लॉर्ड लिटन]] (1876-80) की 'अग्रसर नीति' का समर्थन करते हुए द्वितीय अफ़ग़ान युद्ध (1887-79) छेड़ दिया।
'''बेंजामिन डिसरायली''' जिसे 'अर्ल ऑफ़ बीकन्सफ़ील्ड' के नाम से भी जाना जाता है, एक [[अंग्रेज़]] राजनीतिज्ञ और उपन्यासकार था। वह 1837 ई. में ब्रिटिश पार्लियामेंट का सदस्य बना और अनुदार दल के पील विरोधी गुट का नेता बन गया।
 
*बेंजामिन डिसरायली पहले 1868 ई. में तथा बाद में 1874-80 ई. में [[ब्रिटेन]] का प्रधानमंत्री रहा।
*दूसरी बार प्रधानमंत्रित्व काल में उसने [[भारत का इतिहास|भारतीय इतिहास]] पर अपनी अमिट छाप छोड़ी।
*1874 ई. में स्वेज नहर कम्पनी के शेयर ख़रीद कर उसने [[भारत]] और [[ब्रिटेन]] के बीच एक सीधा निकट का रास्ता खोलने में मदद दी।
*डिसरायली ने [[महारानी विक्टोरिया]] को 1877 ई. में [[भारत]] की साम्राज्ञी की उपाधि से विभूषित किया था।
 
*भारत के ऊपर ब्रिटिश नरेश के सार्वभौम प्रभुत्व पर बल बेंजामिन डिसरायली द्वारा ही दिया गया था।
*उसने [[वाइसराय]] [[लॉर्ड लिटन]] (1876-80) की 'अग्रसर नीति' का समर्थन करते हुए 1887-89 ई. का द्वितीय अफ़ग़ान युद्ध छेड़ दिया था।


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==संबंधित लेख==
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बेंजामिन डिसरायली जिसे 'अर्ल ऑफ़ बीकन्सफ़ील्ड' के नाम से भी जाना जाता है, एक अंग्रेज़ राजनीतिज्ञ और उपन्यासकार था। वह 1837 ई. में ब्रिटिश पार्लियामेंट का सदस्य बना और अनुदार दल के पील विरोधी गुट का नेता बन गया।

  • बेंजामिन डिसरायली पहले 1868 ई. में तथा बाद में 1874-80 ई. में ब्रिटेन का प्रधानमंत्री रहा।
  • दूसरी बार प्रधानमंत्रित्व काल में उसने भारतीय इतिहास पर अपनी अमिट छाप छोड़ी।
  • 1874 ई. में स्वेज नहर कम्पनी के शेयर ख़रीद कर उसने भारत और ब्रिटेन के बीच एक सीधा निकट का रास्ता खोलने में मदद दी।
  • डिसरायली ने महारानी विक्टोरिया को 1877 ई. में भारत की साम्राज्ञी की उपाधि से विभूषित किया था।
  • भारत के ऊपर ब्रिटिश नरेश के सार्वभौम प्रभुत्व पर बल बेंजामिन डिसरायली द्वारा ही दिया गया था।
  • उसने वाइसराय लॉर्ड लिटन (1876-80) की 'अग्रसर नीति' का समर्थन करते हुए 1887-89 ई. का द्वितीय अफ़ग़ान युद्ध छेड़ दिया था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 182 |


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