अव्यवस्थित प्रांत: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 11: Line 11:
|शोध=
|शोध=
}}
}}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
Line 16: Line 17:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{औपनिवेशिक काल}}
{{औपनिवेशिक काल}}
[[Category:औपनिवेशिक काल]][[Category:अंग्रेज़ी शासन][[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:औपनिवेशिक काल]] [[Category:अंग्रेज़ी शासन]][[Category:इतिहास कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 13:34, 11 April 2011

  • अव्यवस्थित प्रांत अंग्रेज़ों के भारतीय साम्राज्य के अंतर्गत उन प्रान्तों को कहा जाता था, जिनमें मई 1793 ई. में जारी लार्ड कार्नवालिस का विधि-विधान व्यवहृत नहीं होता था।
  • ऐसे प्रान्त दिल्ली, असम, अराकान और तेनासेरीम, सागर और नर्मदा क्षेत्र तथा पंजाब थे, जो क्रमश: 1803 ई., 1824 ई., 1818 ई. और 1819 ई. में हस्तगत किये गये थे। *इन प्रान्तों का मुख्य अधिकारी चीफ़ कमिश्नर कहलाता था और ज़िलों के अधिकारी डिप्टी कमिश्नर।
  • इन प्रान्तों में सैनिक पदाधिकारी भी नागरिक सेवाओं के लिए नियुक्त किये जा सकते थे।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख