दुर्लभराय: Difference between revisions
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Latest revision as of 07:41, 23 June 2017
दुर्लभराय बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला का विश्वासघाती सेनापति था। उसने सिराजुद्दौला के साथ विश्वासघात किया और अंग्रेज़ों से एक गुप्त सन्धि कर ली। इस सन्धि का ही परिणाम था कि, अंग्रेज़ों से युद्ध में सिराजुद्दौला को बड़ी हार का सामना करना पड़ा।
- दुर्लभराय ने मीर ज़ाफ़र के सहयोग से अपने स्वामी के विरुद्ध अंग्रेज़ों से साँठ-गाँठ कर ली थी।
- उसने तथा मीर ज़ाफ़र दोनों ने अंग्रेज़ों से 10 जून, 1757 ई. को एक गुप्त सन्धि की।
- 23 जून, 1757 ई. को सिराजुद्दौला और अंग्रेज़ों के बीच विख्यात 'प्लासी का युद्ध' हुआ।
- दुर्लभराय और मीर जाफ़र ने युद्ध में कोई भाग नहीं लिया।
- इन दोनों ने नवाब सिराजुद्दौला की किसी भी प्रकार से सहायता नहीं की।
- एक भयंकर युद्ध के पश्चात् सिराजुद्दौला युद्ध में परास्त हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 208 |