पामर एण्ड कम्पनी काण्ड

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 06:57, 19 October 2011 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''पामर एण्ड कम्पनी''' साहूकारी की एक फ़र्म थी, जिसकी एक ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

पामर एण्ड कम्पनी साहूकारी की एक फ़र्म थी, जिसकी एक शाखा निज़ाम हैदराबाद में भी थी। फ़र्म की एक साझेदार महिला रमाबोल्ड का अभिभावक गवर्नर-जनरल लॉर्ड हेस्टिंग्स (1813-23 ई.) था। ब्रिटिश पार्लियामेंट ने क़ानून बनाकर यूरोपीय लोगों के द्वारा देशी रियासतों से लेन-देन पर रोक लगा दी थी, फिर भी लॉर्ड हेस्टिंग्स ने रमबोल्ड के प्रति अपने स्नेह के कारण फ़र्म से निज़ाम को रुपया उधार देने की इजाज़त दे दी। नये रेजिडेण्ट चार्ल्स मेटकाफ़ ने जब इस अनियमितता की ओर संकेत किया, तब भी उसने कोई हस्तक्षेप नहीं किया। इस कांड के कारण लॉर्ड हेस्टिंग्स गवर्नर-जनरल के पद से हटा दिया जाने वाला था, परन्तु राजा जॉर्ज चतुर्थ के हस्तक्षेप से उसे अपने पद पर बने रहने दिया गया। फिर भी इस घटना के फलस्वरूप कोर्ट आफ़ डाइरेक्टर्स से उसके सम्बन्ध हमेशा के लिए ख़राब हो गये।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

भट्टाचार्य, सच्चिदानन्द भारतीय इतिहास कोश, द्वितीय संस्करण-1989 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 239।

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः