अगस्त प्रस्ताव

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 13:39, 1 October 2012 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replace - "चीजें " to "चीज़ें ")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

अगस्त प्रस्ताव की घोषणा 8 अगस्त, 1940 ई. को भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड लिनलिथगो ने की थी। इन प्रस्तावों के द्वारा भारत में रहने वाले अल्प-संख्यकों को अधिकांशत: वे चीज़े प्राप्त हो गईं, जिनकी उन्हें अपेक्षा भी नहीं थी। अगस्त प्रस्ताव के अंतर्गत ही सर्वप्रथम यह बात भी कही गई कि भारतीयों के लिए स्वयं का संविधान होना चाहिए।

प्रमुख प्रावधान

इस प्रस्ताव के प्रमुख प्रावधान इस प्रकार थे-

  1. अतिशीघ्र वायसराय की सलाहाकार कौंसिल के विस्तार के साथ ही कार्यकारिणी में भारतीय प्रतिनिधियों की संख्या बढ़ाना।
  2. अल्पसंख्यकों को विश्व में लिये बिना किसी भी संवैधानिक परिवर्तन को लागू नहीं किया जा सकेगा।
  3. युद्ध सम्बन्धी विषयों पर विचार हेतु 'युद्ध परामर्श समिति' का गठन किया जायेगा।
  4. युद्ध के समाप्त होने पर विभिन्न भारतीय दलों के प्रतिनिधयों की एक सभा बुलाकर उनके साथ संवैधनिक विकास पर विचार-विमर्श किया जायेगा।

प्रतिक्रिया

अगस्त, 1940 ई. के उपर्युक्त प्रस्तावों से अल्पसंख्यकों को वह सब चीज़ें प्राप्त हुईं, जिनकी वे अपेक्षा भी नहीं करते थे। मुस्लिम लीग ने अगस्त घोषणा के उस भाग का, जिसमें यह प्रतिज्ञा थी कि "भावी संविधान उनकी अनुमति से ही बनेगा", का स्वागत किया, जबकि कांग्रेस ने 'अगस्त प्रस्ताव' को पूरी तरह अस्वीकार कर दिया। 'अगस्त प्रस्ताव' पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत के राज्य सचिव एल.एस. एमरी ने कहा कि "आज मुख्य झगड़ा ब्रिटिश सरकार और स्वतंत्रता मांगने वाले तत्वों में नहीं, अपितु भारत के राष्ट्रीय जीवन में भिन्न-भिन्न तत्त्वों में है।"

चर्चिल की घोषणा

9 सितम्बर, 1941 ई. को ब्रिटिश प्रधानमंत्री चर्चिल ने एक घोषणा में कहा कि "'एटलांटिक चार्टर' भारत पर लागू नहीं होगा।" इस प्रकार चर्चिल की इस घोषणा से भारतीयों में यह भावना प्रबल हो गयी कि ब्रिटिश अंग्रेज़ सरकार भारतीय स्वतंत्रता के प्रति ईमानदार नहीं है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः