विलियम विलसन हन्टर: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
(''''विलियम विलसन हन्टर''' (जन्म- 15 जुलाई, 1840 ई., मृत्यु- [[6 फ़...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
गोविन्द राम (talk | contribs) m (श्रेणी:इतिहास (को हटा दिया गया हैं।)) |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 4: | Line 4: | ||
====शिक्षा आयोग का अध्यक्ष==== | ====शिक्षा आयोग का अध्यक्ष==== | ||
[[1882]]-[[1883]] ई. में हन्टर ने 'शिक्षा आयोग' की अध्यक्षता की। यह आयोग 'हन्टर शिक्षा आयोग' के नाम से जाना गया। आयोग की रिपोर्ट ने देश की शिक्षा नीति पर बहुत हद तक प्रभाव डाला। [[1887]] ई. में अवकाश ग्रहण करने पर 'रूलर्स आफ़ इंडिया' (भारत के शासक) पुस्तक माला का सम्पादन किया और स्वयं [[लॉर्ड डलहौज़ी|डलहौज़ी]] और [[लॉर्ड मेयो|मेयो]] पर पुस्तकें लिखीं। उसकी लेखन शैली अत्यन्त सुन्दर थी और उसकी पुस्तकें रोचक होने के साथ-साथ अत्यन्त ज्ञानवर्द्धक थीं। उसकी पुस्तकों ने [[अंग्रेज़ी]] भाषा-भाषी संसार को [[भारत]] से परिचित कराने में काफ़ी योगदान किया। | [[1882]]-[[1883]] ई. में हन्टर ने 'शिक्षा आयोग' की अध्यक्षता की। यह आयोग 'हन्टर शिक्षा आयोग' के नाम से जाना गया। आयोग की रिपोर्ट ने देश की शिक्षा नीति पर बहुत हद तक प्रभाव डाला। [[1887]] ई. में अवकाश ग्रहण करने पर 'रूलर्स आफ़ इंडिया' (भारत के शासक) पुस्तक माला का सम्पादन किया और स्वयं [[लॉर्ड डलहौज़ी|डलहौज़ी]] और [[लॉर्ड मेयो|मेयो]] पर पुस्तकें लिखीं। उसकी लेखन शैली अत्यन्त सुन्दर थी और उसकी पुस्तकें रोचक होने के साथ-साथ अत्यन्त ज्ञानवर्द्धक थीं। उसकी पुस्तकों ने [[अंग्रेज़ी]] भाषा-भाषी संसार को [[भारत]] से परिचित कराने में काफ़ी योगदान किया। | ||
{{seealso|हन्टर शिक्षा आयोग}} | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
Line 11: | Line 13: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{औपनिवेशिक काल}} | {{औपनिवेशिक काल}} | ||
[[Category:इतिहास कोश]][[Category:औपनिवेशिक काल]][[Category:अंग्रेज़ी शासन]][[Category:लेखक]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
Latest revision as of 13:52, 15 September 2012
विलियम विलसन हन्टर (जन्म- 15 जुलाई, 1840 ई., मृत्यु- 6 फ़रवरी, 1900 ई.) एक परिष्कृत शिक्षाविद, ग्रन्थकार और सांख्यिकीविज्ञ अंग्रेज़ अधिकारी था। उसने ग्लासगो, पेरिस तथा बान में शिक्षा प्राप्त कर 1862 ई. में 'इंडियन सिविल सर्विस' (भारतीय प्रशासनिक सेवा) में प्रवेश किया और बंगाल में नियुक्त हुआ। उसमें धारा प्रवाह लिखने की अद्भुत शक्ति थी।
विद्वान तथा राजनेता
1868 ई. में हन्टर ने 'ग्रामीण बंगाल का क्रमानुसार इतिहास' लिखकर एक राजनेता के रूप में अच्छा नाम कमाया। चार साल बाद 'भारत की अनार्य भाषाओं का तुलनात्मक कोश' प्रकाशित करके अपने पांडित्य का भी परिचय दिया। भारत के सांख्यिकीय सर्वेक्षण का प्रबन्ध किया और 1875-1877 ई. में 'बंगाल का सांख्यिकीय विवरण' 20 खंडों में प्रकाशित किया। 'इम्पीरियल गजेटियर ऑफ़ इंडिया' भी 23 खंडों में तैयार किया, जिससे उसकी विद्वता तथा परिश्रमशीलता का प्रमाण मिलता है।
शिक्षा आयोग का अध्यक्ष
1882-1883 ई. में हन्टर ने 'शिक्षा आयोग' की अध्यक्षता की। यह आयोग 'हन्टर शिक्षा आयोग' के नाम से जाना गया। आयोग की रिपोर्ट ने देश की शिक्षा नीति पर बहुत हद तक प्रभाव डाला। 1887 ई. में अवकाश ग्रहण करने पर 'रूलर्स आफ़ इंडिया' (भारत के शासक) पुस्तक माला का सम्पादन किया और स्वयं डलहौज़ी और मेयो पर पुस्तकें लिखीं। उसकी लेखन शैली अत्यन्त सुन्दर थी और उसकी पुस्तकें रोचक होने के साथ-साथ अत्यन्त ज्ञानवर्द्धक थीं। उसकी पुस्तकों ने अंग्रेज़ी भाषा-भाषी संसार को भारत से परिचित कराने में काफ़ी योगदान किया।
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 489 |
संबंधित लेख