उपनिवेश काल: Difference between revisions
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[[भारत]] में [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] के शासन काल को औपनिवेशिक काल कहा जाता है। यह सन् 1760 से 1947 ई. तक माना जाता है। | [[भारत]] में [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] के शासन काल को औपनिवेशिक अथवा उपनिवेश काल कहा जाता है। यह सन् 1760 से 1947 ई. तक माना जाता है। ब्रिटेन की समृद्धि और औद्योगिक क्राति के पीछे ब्रिटिश शासकों द्वारा भारत से लूटी गई संपदा का निवेश रहा है। भारतीयों के प्रति ब्रिटिश बर्बरता [[इतिहास]] में अमानुषिक क्रूरता का उदाहरण है। [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] का [[अकाल]], [[1857 का स्वतंत्रता संग्राम|1857 की क्रांति]] के बाद देशभक्तों का नरसंहार, बुनकरों के अंगूठे काटने, भारतीय भाषाओं, ज्ञान परंपरा और विद्या केंद्रों को नष्ट कर विभिन्न समुदायों में वैमनस्य के बीज बोकर विभाजन तक का सफर ब्रिटिश अमानवीयता का उदाहरण है। इसके लिए कभी ब्रिटेन ने भारत तथा भारतीय नागरिकों से क्षमा नहीं मागी। | ||
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Revision as of 07:24, 19 March 2012
भारत में अंग्रेज़ों के शासन काल को औपनिवेशिक अथवा उपनिवेश काल कहा जाता है। यह सन् 1760 से 1947 ई. तक माना जाता है। ब्रिटेन की समृद्धि और औद्योगिक क्राति के पीछे ब्रिटिश शासकों द्वारा भारत से लूटी गई संपदा का निवेश रहा है। भारतीयों के प्रति ब्रिटिश बर्बरता इतिहास में अमानुषिक क्रूरता का उदाहरण है। बंगाल का अकाल, 1857 की क्रांति के बाद देशभक्तों का नरसंहार, बुनकरों के अंगूठे काटने, भारतीय भाषाओं, ज्ञान परंपरा और विद्या केंद्रों को नष्ट कर विभिन्न समुदायों में वैमनस्य के बीज बोकर विभाजन तक का सफर ब्रिटिश अमानवीयता का उदाहरण है। इसके लिए कभी ब्रिटेन ने भारत तथा भारतीय नागरिकों से क्षमा नहीं मागी।