त्रिचनापल्ली: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Adding category Category:ऐतिहासिक स्थान कोश (को हटा दिया गया हैं।))
No edit summary
Line 1: Line 1:
*'''त्रिचनापल्ली''' [[कर्नाटक]] का एक महत्त्वपूर्ण दुर्ग है।
'''त्रिचनापल्ली''' [[कर्नाटक]] का एक महत्त्वपूर्ण दुर्ग है। यहाँ कर्नाटक की मसनद के दावेदार मुहम्मद अली ने 1751 ई. में शरण ली थी।
 
*यहाँ कर्नाटक की मसनद के दावेदार मुहम्मद अली ने 1751 ई. में शरण ली थी।
*[[फ़्राँसीसी]] तथा उनके आश्रित [[चन्दा साहब]] ने जब [[अर्काट]] को अपने अधिकार में कर लिया, तो उन्हें अपना घेरा उठा लेना पड़ा।
*[[फ़्राँसीसी]] तथा उनके आश्रित [[चन्दा साहब]] ने जब [[अर्काट]] को अपने अधिकार में कर लिया, तो उन्हें अपना घेरा उठा लेना पड़ा।
*1753 ई. में यहाँ पर पुन: फ़्राँसीसियों के द्वारा घेरा डाला गया, किन्तु 1754 ई. में [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] ने इस घेरे को तोड़ दिया।
*1753 ई. में यहाँ पर पुन: फ़्राँसीसियों के द्वारा घेरा डाला गया, किन्तु 1754 ई. में [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] ने इस घेरे को तोड़ दिया।
*यह तब तक कर्नाटक के नवाब के अधीन रहा, जब तक भारतीय ब्रिटिश साम्राज्य में नहीं मिला लिया गया।
*यह तब तक कर्नाटक के नवाब के अधीन रहा, जब तक भारतीय ब्रिटिश साम्राज्य में नहीं मिला लिया गया।


Line 14: Line 11:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{औपनिवेशिक काल}}
{{औपनिवेशिक काल}}
{{कर्नाटक के ऐतिहासिक स्थान}}
[[Category:कर्नाटक]]
[[Category:कर्नाटक के ऐतिहासिक स्थान]]
[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:औपनिवेशिक काल]]
[[Category:औपनिवेशिक काल]]

Revision as of 08:46, 7 April 2012

त्रिचनापल्ली कर्नाटक का एक महत्त्वपूर्ण दुर्ग है। यहाँ कर्नाटक की मसनद के दावेदार मुहम्मद अली ने 1751 ई. में शरण ली थी।

  • फ़्राँसीसी तथा उनके आश्रित चन्दा साहब ने जब अर्काट को अपने अधिकार में कर लिया, तो उन्हें अपना घेरा उठा लेना पड़ा।
  • 1753 ई. में यहाँ पर पुन: फ़्राँसीसियों के द्वारा घेरा डाला गया, किन्तु 1754 ई. में अंग्रेज़ों ने इस घेरे को तोड़ दिया।
  • यह तब तक कर्नाटक के नवाब के अधीन रहा, जब तक भारतीय ब्रिटिश साम्राज्य में नहीं मिला लिया गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

भट्टाचार्य, सच्चिदानन्द भारतीय इतिहास कोश, द्वितीय संस्करण-1989 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 193।

संबंधित लेख