वुड घोषणा पत्र: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (श्रेणी:इतिहास (को हटा दिया गया हैं।))
 
Line 12: Line 12:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{औपनिवेशिक काल}}
{{औपनिवेशिक काल}}
[[Category:इतिहास]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:औपनिवेशिक काल]][[Category:अंग्रेज़ी शासन]]
[[Category:इतिहास कोश]][[Category:औपनिवेशिक काल]][[Category:अंग्रेज़ी शासन]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Latest revision as of 13:52, 15 September 2012

वुड घोषणा पत्र 'बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल' के प्रधान चार्ल्स वुड द्वारा 19 जुलाई, 1854 को जारी किया गया था। इस घोषणा पत्र में भारतीय शिक्षा पर एक व्यापक योजना प्रस्तुत की गई थी, जिसे 'वुड का डिस्पैच' कहा गया। 100 अनुच्छेदों वाले इस प्रस्ताव में शिक्षा के उद्देश्य, माध्यम, सुधारों आदि पर विचार किया गया था।

उद्देश्य

इस घोषण पत्र को भारतीय शिक्षा का 'मैग्ना कार्टा' भी कहा जाता है। प्रस्ताव में पाश्चात्य शिक्षा के प्रसार को सरकार ने अपना उदद्देश्य बनाया। उच्च शिक्षा को अंग्रेज़ी भाषा के माध्यम से दिये जाने पर बल दिया गया, परन्तु साथ ही देशी भाषा के विकास को भी महत्व दिया गया। ग्राम स्तर पर देशी भाषा के माध्यम से अध्ययन के लिए लिए प्राथमिक पाठाशालायें स्थापित हुईं और इनके साथ ही ज़िलों में हाईस्कूल स्तर के 'एंग्लो-वर्नाक्यूलर' कालेज खोले गये। घोषणा-पत्र में सहायता अनुदान दिये जाने पर बल भी दिया गया था।

विश्वविद्यालय की स्थापना

प्रस्ताव के अनुसार 'लन्दन विश्वविद्यालय' के आदेश पर कलकत्ता, बम्बई एवं मद्रास में एक-एक विश्वविद्यालय की स्थापना की व्यवस्था की गई, जिसमें एक कुलपति, उप-कुलपति, सीनेट एवं विधि सदस्यों की व्यवस्था की गई। इन विश्वविद्यालयों को परीक्षा लेने एवं उपाधियाँ प्रदान करने का अधिकार होता था। तकनीकि एवं व्यावसायिक विद्यालयों की स्थापना के क्षेत्र में भी इस घोषणा पत्र में प्रयास किया गया। 'वुड डिस्पैच' की सिफ़ारिश के प्रभाव में आने के बाद 'अधोमुखी निस्यंदन सिद्धान्त' समाप्त हो गया।

  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख