अमर सिंह (महाराजा): Difference between revisions

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*राजा आला सिंह के बाद उनके पौत्र राजा अमर सिंह पटियाला रियासत की गद्दी पर बिराजे। आप में एक योग्य शासक और वीर सिपाही के गुण विद्यमान थे।  
*राजा आला सिंह के बाद उनके पौत्र राजा अमर सिंह पटियाला रियासत की गद्दी पर बिराजे। आप में एक योग्य शासक और वीर सिपाही के गुण विद्यमान थे।  
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Revision as of 10:59, 28 March 2024

चित्र:Disamb2.jpg अमर सिंह एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- अमर सिंह (बहुविकल्पी)

{{सूचना बक्सा ऐतिहासिक पात्र |चित्र=Maharaja-Amar-Singh.jpg |चित्र का नाम=महाराजा अमर सिंह |पूरा नाम=महाराजा अमर सिंह |अन्य नाम= |जन्म=6 जून, 1748 |जन्म भूमि= |मृत्यु तिथि=1782 |मृत्यु स्थान= |पिता/माता= |पति/पत्नी= |संतान= |उपाधि= |शासन= |धार्मिक मान्यता= |राज्याभिषेक= |युद्ध= |प्रसिद्धि= |निर्माण= |सुधार-परिवर्तन= |राजधानी= |पूर्वाधिकारी=आला सिंह |राजघराना= |वंश= |शासन काल=17651782 |स्मारक= |मक़बरा=पंजाब, पंजाब का इतिहास, पटियाला रियासत, रियासत |संबंधित लेख=[[ |शीर्षक 1=उत्तराधिकारी |पाठ 1=महाराजा साहिब सिंह |शीर्षक 2= |पाठ 2= |अन्य जानकारी= |बाहरी कड़ियाँ= |अद्यतन= }}महाराजा अमर सिंह (अंग्रेज़ी: Maharaja Amar Singh, जन्म- 6 जून, 1748; मृत्यु- 1782) पटियाला रियासत के महाराजा थे। इनका जन्म सरदूल सिंह और रानी हुक्मण के पुत्र के रूप में हुआ था। सन 1765 में अमर सिंह अपने दादा आला सिंह के उत्तराधिकारी बने, जिनकी मृत्यु के समय उनका कोई पुत्र जीवित नहीं था। पटियाला के सिंहासन पर उनके उत्तराधिकार को उनके सौतेले भाई हिम्मत सिंह ने चुनौती दी थी, जिन्होंने पटियाला शहर और पड़ोसी क्षेत्र के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था। अमर सिंह ने जिंद, नाभा और कैथल के सरदारों की मदद से हिम्मत सिंह को बेदखल कर दिया।[1]

  • राजा आला सिंह के बाद उनके पौत्र राजा अमर सिंह पटियाला रियासत की गद्दी पर बिराजे। आप में एक योग्य शासक और वीर सिपाही के गुण विद्यमान थे।
  • सन 1767 में जब अहमदशाह अब्दाली अंतिम बार पंजाब में आया, तब उसने राजा अमर सिंह को राज्य राजवान की पदवी प्रदान की।
  • सन 1766 में राजा अमर सिंह ने मालेरकोटला के नरेश पायल और इशरू नामक स्थान जीत लिए। इसके बाद अपने जनरल को पिंजौर नामक स्थान पर अधिकार करने के लिए भेजा।
  • 1771 में महाराजा अमर सिंह ने भटिंडा पर अधिकार कर लिया और 1774 में अपने रिश्तेदार भाटियों पर चढ़ाई करके बेधरन नामक स्थान पर उन्हें पराजित किया। महाराजा अमर सिंह ने उनसे फतेहाबाद और सिरसा परगने छीन लिए तथा दीवान नन्नूमल ने हांसी के अधिकारी को परास्त कर हिसार जिले को पदाक्रांत कर डाला।[2]
  • इस प्रकार राजा अमर सिंह ने की प्रदेश जीतकर सतलुज और जमुना नदी के बीच पटियाला रियासत को महान शक्तिशाली राज्य बना डाला।
  • सन 1782 में राजा अमर सिंह की मृत्यु हो गई।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. राजा अमर सिंह (हिंदी) sikhiwiki.org। अभिगमन तिथि: 28 मार्च, 2024।
  2. पटियाला रियासत का इतिहास (हिंदी) alvitrips.com। अभिगमन तिथि: 28 मार्च, 2024।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख