मिर्ज़ा ग़ियासबेग: Difference between revisions
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*ग़ियासबेग की मृत्यु 1622 ई. में हुई और उसकी प्यारी बेटी मलका नूरजहाँ ने उसकी क़ब्र पर [[सफ़ेद रंग|सफ़ेद]] संगमरमर का सुन्दर मक़बरा बनवाया। | *ग़ियासबेग की मृत्यु 1622 ई. में हुई और उसकी प्यारी बेटी मलका नूरजहाँ ने उसकी क़ब्र पर [[सफ़ेद रंग|सफ़ेद]] संगमरमर का सुन्दर मक़बरा बनवाया। | ||
*ग़ियासबेग के मक़बरे को ' | *ग़ियासबेग के मक़बरे को '[[एतमादुद्दौला का मक़बरा]]' के नाम से भी जाना जाता है। | ||
*[[मुग़ल]] इमारतों में उसके जोड़ की कोई दूसरी इमारत नहीं है। | *[[मुग़ल]] इमारतों में उसके जोड़ की कोई दूसरी इमारत नहीं है। | ||
*[[जेम्स फ़र्गुसन]] के अनुसार-"अपनी नफ़ासत और महीन पच्चीकारी में यह इमारत अपने आप में एक बेहतर नमूना है।" | *[[जेम्स फ़र्गुसन]] के अनुसार-"अपनी नफ़ासत और महीन पच्चीकारी में यह इमारत अपने आप में एक बेहतर नमूना है।" | ||
*बादशाह [[जहाँगीर]] द्वारा गद्दी पर बैठने के बाद मिर्ज़ा ग़ियासबेग को ' | *बादशाह [[जहाँगीर]] द्वारा गद्दी पर बैठने के बाद मिर्ज़ा ग़ियासबेग को 'एतमादुद्दौला' की उपाधि प्रदान की गई थी। | ||
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Latest revision as of 06:20, 22 January 2012
- मिर्ज़ा ग़ियासबेग ईरान से आया था और अकबर का एक प्रमुख दरबारी था।
- वह प्रसिद्ध नूरजहाँ का पिता था, जिससे बादशाह जहाँगीर ने 1611 ई. में विवाह किया था।
- ग़ियासबेग तथा उसके बेटे आसफ़ ख़ाँ को जहाँगीर ने अपने दरबार में बड़े ऊँचे पद प्रदान किये थे।
- ग़ियासबेग की मृत्यु 1622 ई. में हुई और उसकी प्यारी बेटी मलका नूरजहाँ ने उसकी क़ब्र पर सफ़ेद संगमरमर का सुन्दर मक़बरा बनवाया।
- ग़ियासबेग के मक़बरे को 'एतमादुद्दौला का मक़बरा' के नाम से भी जाना जाता है।
- मुग़ल इमारतों में उसके जोड़ की कोई दूसरी इमारत नहीं है।
- जेम्स फ़र्गुसन के अनुसार-"अपनी नफ़ासत और महीन पच्चीकारी में यह इमारत अपने आप में एक बेहतर नमूना है।"
- बादशाह जहाँगीर द्वारा गद्दी पर बैठने के बाद मिर्ज़ा ग़ियासबेग को 'एतमादुद्दौला' की उपाधि प्रदान की गई थी।
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