बड़गाँव समझौता: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
Line 1: Line 1:
*प्रथम [[मराठा युद्ध]] (1776-82 ई.) के दौरान [[भारत]] में [[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] की सरकार की ओर से 'कर्नल करनाक' के द्वारा '''बड़गाँव समझोता''' जनवरी 1779 ई. में किया गया।
*[[आंग्ल मराठा युद्ध प्रथम|प्रथम मराठा युद्ध]] (1776-82 ई.) के दौरान [[भारत]] में [[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] की सरकार की ओर से 'कर्नल करनाक' के द्वारा '''बड़गाँव समझौता''' [[जनवरी]] 1779 ई. में किया गया।
*कर्नल काकबर्न के नेतृत्व में [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] की एक सेना ने कमिश्नर कर्नल करनाक के साथ [[पूना]] की ओर कूच किया।
*कर्नल काकबर्न के नेतृत्व में [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] की एक सेना ने कमिश्नर कर्नल करनाक के साथ [[पूना]] की ओर कूच किया।
*कूच करने के बाद रास्तें में अंग्रेज़ी सेना को पश्चिमी घाट स्थित तेल गाँव नामक स्थान पर [[मराठा|मराठों]] की विशाल सेना का मुक़ाबला करना पड़ा।
*कूच करने के बाद रास्ते में अंग्रेज़ी सेना को पश्चिमी घाट स्थित तेल गाँव नामक स्थान पर [[मराठा|मराठों]] की विशाल सेना का मुक़ाबला करना पड़ा।
*अंग्रेज़ी सेना की कई स्थानों पर हार हुई और उसे मराठों ने चारों तरफ़ से घेर लिया।
*अंग्रेज़ी सेना की कई स्थानों पर हार हुई और उसे मराठों ने चारों तरफ़ से घेर लिया।
*ऐसी स्थिति में कर्नल करनाक हिम्मत हार गया और उसके ज़ोर देने पर ही कमांडिंग अफ़सर कर्नल काकबर्न ने 'बड़गाँव समझौते' पर हस्ताक्षर कर दिये।
*ऐसी स्थिति में कर्नल करनाक हिम्मत हार गया और उसके ज़ोर देने पर ही कमांडिंग अफ़सर कर्नल काकबर्न ने 'बड़गाँव समझौते' पर हस्ताक्षर कर दिये।
*इस समझौते के अनुसार तय हुआ कि कम्पनी की [[बम्बई]] सरकार 1773 ई. के बाद जीते गये समस्त इलाके मराठों को लौटा देगी और अपने वचनों का पालन करने की गारंटी के रूप में कुछ [[अंग्रेज़]] अफ़सरों को [[बंधक]] के रूप में मराठों के सुपुर्द कर देगी।
*इस समझौते के अनुसार तय हुआ कि कम्पनी की [[बम्बई]] सरकार 1773 ई. के बाद जीते गये समस्त इलाके मराठों को लौटा देगी और अपने वचनों का पालन करने की गारंटी के रूप में कुछ [[अंग्रेज़]] अफ़सरों को [[बंधक]] के रूप में मराठों के सुपुर्द कर देगी।
*[[राघोवा]] को, जिसको [[पेशवा]] की गद्दी पर बिठाने के उद्देश्य से अंग्रेज़ों ने लड़ाई छेड़ी थी, उसे मराठों को सौंप देगी।
*[[राघोवा]] को, जिसको [[पेशवा]] की गद्दी पर बिठाने के उद्देश्य से अंग्रेज़ों ने लड़ाई छेड़ी थी, उसे मराठों को सौंप देगी।
*[[बंगाल]] से मदद के लिए आ राही ब्रिटिश कुमुक वापस लौटा दी जायेगी और [[भड़ौंच]] से प्राप्त राजस्व का एक हिस्सा [[महादजी शिन्दे]] को दिया जायेगा।
*[[बंगाल]] से मदद के लिए आ रही ब्रिटिश कुमुक वापस लौटा दी जायेगी और [[भड़ौंच]] से प्राप्त राजस्व का एक हिस्सा [[महादजी शिन्दे]] को दिया जायेगा।
*सैनिक स्थिति अंग्रेज़ों के इतने अनुकूल नहीं थी कि वे इस प्रकार की शर्तें स्वीकार करते।
*सैनिक स्थिति अंग्रेज़ों के इतने अनुकूल नहीं थी कि वे इस प्रकार की शर्तें स्वीकार करते।
*गवर्नर-जनरल ने इस समझौते को अस्वीकृत कर दिया और समझौते करने वाले अंग्रेज़ अधिकारियों को नौकरी से बर्ख़ास्त कर दिया।
*[[गवर्नर-जनरल]] ने इस समझौते को अस्वीकृत कर दिया और समझौते करने वाले अंग्रेज़ अधिकारियों को नौकरी से बर्ख़ास्त कर दिया।
*राघोबा ने [[महादजी शिन्दे]] की शरण लेकर अपनी प्राणरक्षा की और अंग्रेज़ों को भी इस परेशानी से बचा लिया।
*राघोबा ने [[महादजी शिन्दे]] की शरण लेकर अपनी प्राणरक्षा की और अंग्रेज़ों को भी इस परेशानी से बचा लिया।
*अंग्रेज़ों ने बुद्धिमत्ता दिखाते हुए समझौते की शर्तों के अनुसार भड़ौंच से प्राप्त राजस्व का एक भाग शिन्दे को देकर उसके साथ अच्छे सम्बन्ध स्थापित कर लिये।
*अंग्रेज़ों ने बुद्धिमत्ता दिखाते हुए समझौते की शर्तों के अनुसार भड़ौंच से प्राप्त राजस्व का एक भाग शिन्दे को देकर उसके साथ अच्छे सम्बन्ध स्थापित कर लिये।

Revision as of 11:34, 23 April 2012

  • प्रथम मराठा युद्ध (1776-82 ई.) के दौरान भारत में ईस्ट इंडिया कम्पनी की सरकार की ओर से 'कर्नल करनाक' के द्वारा बड़गाँव समझौता जनवरी 1779 ई. में किया गया।
  • कर्नल काकबर्न के नेतृत्व में अंग्रेज़ों की एक सेना ने कमिश्नर कर्नल करनाक के साथ पूना की ओर कूच किया।
  • कूच करने के बाद रास्ते में अंग्रेज़ी सेना को पश्चिमी घाट स्थित तेल गाँव नामक स्थान पर मराठों की विशाल सेना का मुक़ाबला करना पड़ा।
  • अंग्रेज़ी सेना की कई स्थानों पर हार हुई और उसे मराठों ने चारों तरफ़ से घेर लिया।
  • ऐसी स्थिति में कर्नल करनाक हिम्मत हार गया और उसके ज़ोर देने पर ही कमांडिंग अफ़सर कर्नल काकबर्न ने 'बड़गाँव समझौते' पर हस्ताक्षर कर दिये।
  • इस समझौते के अनुसार तय हुआ कि कम्पनी की बम्बई सरकार 1773 ई. के बाद जीते गये समस्त इलाके मराठों को लौटा देगी और अपने वचनों का पालन करने की गारंटी के रूप में कुछ अंग्रेज़ अफ़सरों को बंधक के रूप में मराठों के सुपुर्द कर देगी।
  • राघोवा को, जिसको पेशवा की गद्दी पर बिठाने के उद्देश्य से अंग्रेज़ों ने लड़ाई छेड़ी थी, उसे मराठों को सौंप देगी।
  • बंगाल से मदद के लिए आ रही ब्रिटिश कुमुक वापस लौटा दी जायेगी और भड़ौंच से प्राप्त राजस्व का एक हिस्सा महादजी शिन्दे को दिया जायेगा।
  • सैनिक स्थिति अंग्रेज़ों के इतने अनुकूल नहीं थी कि वे इस प्रकार की शर्तें स्वीकार करते।
  • गवर्नर-जनरल ने इस समझौते को अस्वीकृत कर दिया और समझौते करने वाले अंग्रेज़ अधिकारियों को नौकरी से बर्ख़ास्त कर दिया।
  • राघोबा ने महादजी शिन्दे की शरण लेकर अपनी प्राणरक्षा की और अंग्रेज़ों को भी इस परेशानी से बचा लिया।
  • अंग्रेज़ों ने बुद्धिमत्ता दिखाते हुए समझौते की शर्तों के अनुसार भड़ौंच से प्राप्त राजस्व का एक भाग शिन्दे को देकर उसके साथ अच्छे सम्बन्ध स्थापित कर लिये।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख