हिरण्यकेशि धर्मसूत्र: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "{{धर्मसूत्र2}} {{धर्मसूत्र}}" to "{{धर्मसूत्र2}} {{संस्कृत साहित्य}} {{धर्मसूत्र}}") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "Category:सूत्र ग्रन्थ" to "Category:सूत्र ग्रन्थCategory:संस्कृत साहित्य") |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 5: | Line 5: | ||
*इस पर महादेव दीक्षितकृत 'उज्ज्वला' वृत्ति उपलब्ध है। | *इस पर महादेव दीक्षितकृत 'उज्ज्वला' वृत्ति उपलब्ध है। | ||
*संभवतः अभी तक इसका कोई भी संस्करण प्रकाशित नहीं हो सका है। | *संभवतः अभी तक इसका कोई भी संस्करण प्रकाशित नहीं हो सका है। | ||
== | {{प्रचार}} | ||
==संबंधित लेख== | |||
{{धर्मसूत्र2}} | {{धर्मसूत्र2}} | ||
{{संस्कृत साहित्य}} | {{संस्कृत साहित्य}} | ||
{{धर्मसूत्र}} | {{धर्मसूत्र}} | ||
[[Category:साहित्य कोश]] | [[Category:साहित्य कोश]] | ||
[[Category:सूत्र ग्रन्थ]] | [[Category:सूत्र ग्रन्थ]][[Category:संस्कृत साहित्य]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 06:39, 14 October 2011
- हिरण्यकेशकिल्प के 26 वें तथा 27 वें प्रश्नों की मान्यता धर्मसूत्र के रूप में है, किन्तु यह वास्तव में स्वतन्त्र कृति न होकर आपस्तम्ब धर्मसूत्र की ही पुनः प्रस्तुति प्रतीत होती है। अन्तर केवल इतना है कि आपस्तम्ब धर्मसूत्र के अनेक आर्ष प्रयोगों को इसमें प्रचलित लौकिक संस्कृत के अनुरूप परिवर्तित कर दिया गया।
- उदाहरण के लिए आपस्तम्ब 'प्रक्षालयति' और 'शक्तिविषयेण' सदृश शब्द हिरण्यकेशि धर्मसूत्र में क्रमशः 'प्रक्षालयेत्' और 'यथाशक्ति' रूप में प्राप्त होते हैं।
- सूत्रों के क्रम में भी भिन्नता है।
- आपस्तम्ब के अनेक सूत्रों को हिरण्यकेशि धर्मसूत्र में विभक्त भी कर दिया गया है।
- इस पर महादेव दीक्षितकृत 'उज्ज्वला' वृत्ति उपलब्ध है।
- संभवतः अभी तक इसका कोई भी संस्करण प्रकाशित नहीं हो सका है।