ब्रह्म उपनिषद: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "{{लेख प्रगति |आधार=आधार1 |प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}" to "{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भि�)
Line 5: Line 5:


{{प्रचार}}
{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति
{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
|आधार=आधार1
|प्रारम्भिक=
|माध्यमिक=
|पूर्णता=
|शोध=
}}


{{संदर्भ ग्रंथ}}
{{संदर्भ ग्रंथ}}

Revision as of 07:25, 27 July 2012

  • 'ब्रह्मा' के सम्बन्ध में एक महत्त्वपूर्ण सिद्धान्त, जो छान्दोग्य उपनिषद[1], के एक संवाद का विषय है, ब्रह्मोपनिषद कहलाता है।
  • संन्यास मार्गी एक उपनिषद है।
  • इसका प्रारम्भिक भाग तो कम से कम उतना ही प्राचीन है जितना कि मैत्रायणी उपनिषद, किन्तु उत्तरभाग आरुणेय, जाबाल, परमहंस उपनिषदों का समसामयिक है।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. छान्दोग्य उपनिषद, 3।11।3

संबंधित लेख

श्रुतियाँ