तारामती: Difference between revisions
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) m (Adding category Category:पौराणिक कोश (को हटा दिया गया हैं।)) |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 16: | Line 16: | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | |||
{{पौराणिक चरित्र}} | |||
[[Category:पौराणिक चरित्र]] | |||
[[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]] | [[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]] | ||
[[Category:पौराणिक कोश]] | [[Category:पौराणिक कोश]] | ||
__INDEX__ |
Revision as of 09:53, 28 December 2010
- तारामती राजा हरिश्चन्द्र की राजमहिषी, शैव्य देश के राजा की पुत्री थी।
- इन्हें शैव्या भी कहते हैं।
- सत्यवादी हरिश्चन्द्र डोम के हाथ बिक गये थे और तारामती एक ब्राह्मण के यहाँ दासी का काम करने लगीं।
- वहाँ इनके पुत्र रोहिताश्व की सर्प-दंश से मृत्यु हो गयी।
- अत: वे उसे श्मशान लेकर पहुँची, जहाँ डोम द्वारा नियुक्त हरिश्चन्द्र ने 'कर' माँगा।
- शैव्या के पास कर चुकाने के लिए बालक का कफ़न भी नहीं था किन्तु कर्त्तव्यारूढ़ हरिश्चन्द्र बिना 'कर' लिये दाह नहीं करने दे रहे थे।
- उनकी सत्यनिष्ठा से प्रसन्न होकर इन्द्र प्रकट हुए और विश्वामित्र ने परीक्षा में सफल हरिश्चन्द्र के पुत्र को जीवित कर दिया।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ देखिए 'सत्यहरिश्चन्द्र' :भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, मोहन अवस्थी
संबंधित लेख
Retrieved from "https://en.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=तारामती&oldid=99269"