मालय
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation
Jump to search
मालय का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है। यह महाभारतकालीन एक गरुड़ का नाम है।[1] मालय का वर्णन महाभारत उद्योग पर्व में मिलता है। उद्योग पर्व के उल्लेखानुसार भगवान विष्णु ही इनके देवता हैं। वे ही इनके परम आश्रय हैं। भगवान विष्णु इनके हृदय में सदा विराजते हैं और वे विष्णु ही सदा इनकी गति हैं।[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 86 |
- ↑ महाभारत उद्योग पर्व |अनुवादक: साहित्याचार्य पण्डित रामनारायणदत्त शास्त्री पाण्डेय 'राम' |प्रकाशक: गीताप्रेस, गोरखपुर |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 2334-1816 |
संबंधित लेख
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज
Retrieved from "https://en.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=मालय&oldid=549420"