स्वारोचिष मनु
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स्वारोचिष मनु का उल्लेख पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। प्रसिद्ध हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत के अनुसार ये दूसरे मनु थे और शंखपद के पिता।
- दूसरे मनु का नाम था जो स्वरेचिस्वरो के पुत्र थे, लेकिन श्रीमद्भागवत में इन्हें अग्नि का पुत्र लिखा है।[1]
- मार्कण्डेयपुराणानुसार इनका नाम द्यतिमान होना चाहिये।[2]
- इन्हें ब्रह्मा ने शाश्वत धर्म का उपदेश दिया था। इन्होंने अपने पुत्र शंखपद को उक्त धर्म की शिक्षा दी थी।[3]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 545 |
- ↑ भागवत पुराण 8.1.19
- ↑ भागवत पुराण तथा मार्कण्डेय पुराण
- ↑ महाभारत शांति पर्व 348.36-37
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