सीता उपनिषद: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replace - "==उपनिषद के अन्य लिंक== {{उपनिषद}}" to "==सम्बंधित लिंक== {{संस्कृत साहित्य}}")
Line 7: Line 7:
{{इन्हें भी देखें |सीता}}
{{इन्हें भी देखें |सीता}}


==उपनिषद के अन्य लिंक==
==सम्बंधित लिंक==
{{उपनिषद}}
{{संस्कृत साहित्य}}
{{अथर्ववेदीय उपनिषद}}
{{अथर्ववेदीय उपनिषद}}
[[Category:दर्शन कोश]]
[[Category:दर्शन कोश]]

Revision as of 04:51, 27 July 2010

  • इस अथर्ववेदीय उपनिषद में देवगण तथा प्रजापति के मध्य हुए प्रश्नोत्तर में 'सीता' को शाश्वत शक्ति का आधार माना गया है।
  • इसमें सीता को प्रकृति का स्वरूप बताया गया है।
  • सीता शब्द का अर्थ अक्षरब्रह्म की शक्ति के रूप में हुआ है। यह नाम साक्षात 'योगमाया' का है।
  • सीता को भगवान श्रीराम का सान्निध्य प्राप्त है, जिसके कारण वे विश्वकल्याणकारी हैं। सीता-क्रिया-शक्ति, इच्छा-शक्ति और ज्ञान-शक्ति-तीनों रूपों में प्रकट होती है। परमात्मा की क्रिया-शक्ति-रूपा सीता भगवान श्री हरि के मुख से 'नाद' रूप में प्रकट हुई है।


  1. REDIRECTसाँचा:नीलाइन्हें भी देखें
  2. REDIRECTसाँचा:नीला बन्द: सीता

सम्बंधित लिंक

श्रुतियाँ