गार्हपत्य
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 14:19, 23 January 2016 by नवनीत कुमार (talk | contribs) ('{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=गार्हपत्य|लेख का नाम=ग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
चित्र:Disamb2.jpg गार्हपत्य | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- गार्हपत्य (बहुविकल्पी) |
गार्हपत्य हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत के अनुसार एक अग्नि का नाम था।
- वेदों के अनुसार तीन ही अग्नियाँ हैं, जिनका उल्लेख इस प्रकार है-
- पिता गार्हपत्य अग्नि हैं।
- माता दक्षिणाग्नि मानी गयी हैं।
- गुरु आहवनीय अग्नि का स्वरूप हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 44 |
संबंधित लेख
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज