देवापि

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देवापि एक राजा थे। महाभारत के अनुसार ये राजा प्रतीप के पुत्र थे।

  • देवापि, शान्तनु और बाह्लीक प्रतीप के तीन पुत्र थे, जिनमें केवल देवापि ने तपोबल से ब्राह्मणत्व प्राप्त किया था। ऐसा विश्वास है कि सुमेरु पर्वत पर कलाप ग्राम में यह योगी के रूप में अब तक हैं।
  • कलियुग समाप्त होने पर सत्ययुग में यह चंद्रवंश स्थापित करेंगे।[1]
  • वैदिक कथा के अनुसार इनके पिता नाम ऋष्टिषेण होना चाहिये।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 236-237 |

  1. भागवत पुराण 9.22.12-18; 12.2.37; वायु पुराण 19.234; मत्स्य पुराण 39-49; 273.56

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