रेवत
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 08:17, 28 January 2017 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''रेवत''' रोहिणीपुत्र बलराम के श्वसुर थे, जो कुशस्थ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
रेवत रोहिणीपुत्र बलराम के श्वसुर थे, जो कुशस्थली के राजा थे। ब्रह्मा की आज्ञा से इन्होंने अपनी पुत्री रेवती[1][2] का विवाह बलराम से कर दिया था।[3][4]
- वैवस्वत मन्वन्तर की प्रथम चतुर्युगी के सतयुग में वैवस्वत मनु के वंश में महाराज शर्याति हुए। उनके तीन पुत्र थे-
- आनर्त के पुत्र हुए रेवत। महाराज रेवत ने ही समुद्र के मध्य में पहले कुशस्थली नगर बसाया।
- महारात आनर्त के सौ पुत्रों में ज्येष्ठ पुत्र थे- ककुदमी।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ किसी-किसी ग्रंथ में रेवती को 'कुकुद्मी' अथवा 'ककुदमी' की पुत्री बताया गया है।
- ↑ भगवान वासुदेव -सुदर्शन सिंह चक्र पृ. 272
- ↑ विष्णुपुराण
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 449 |
संबंधित लेख
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज
Retrieved from "https://en.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=रेवत&oldid=583300"