पुलोमा (राक्षस)

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 06:36, 7 May 2017 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
चित्र:Disamb2.jpg पुलोमा एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- पुलोमा (बहुविकल्पी)

पुलोमा हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत और मान्यताओं के अनुसार एक राक्षस का नाम था।[1]

  • यह राक्षस भृगु ऋषि की पत्नी जिसका नाम भी पुलोमा ही था, पर आसक्त हो गया था।
  • एक दिन जब भृगु स्नान के लिए आश्रम से बाहर गये, तब राक्षस पुलोमा आश्रम पर आया।
  • पतिव्रता पुलोमा के गर्भ में भृगु का अंश पल रहा था। राक्षस पुलोमा ने काम के वशीभूत होकर देवी पुलोमा का अपहरण कर लिया।
  • उस समय वह गर्भ जो अपनी माता की कुक्षि में निवास कर रहा था, अत्यन्त रोष के कारण योग बल से माता के उदर से च्युत होकर बाहर निकल आया। च्युत होने के कारण ही उसका नाम च्यवन हुआ।
  • माता के उदर से च्युत होकर गिरे हुए उस सूर्य के समान तेजस्वी गर्भ को देखते ही राक्षस पुलोमा देवी पुलोमा को छोड़कर गिर पड़ा और तत्काल जलकर भस्म हो गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस.पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 72 |

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः