कोई सुमार न देखौं -रैदास: Difference between revisions
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थोरै ही इतराइ चालै, पातिसाही छाडै।।1।। | थोरै ही इतराइ चालै, पातिसाही छाडै।।1।। | ||
अति हीं आतुर बहै, काचा हीं तोरै। | अति हीं आतुर बहै, काचा हीं तोरै। | ||
कुंडै जलि एैसै, न हींयां डरै | कुंडै जलि एैसै, न हींयां डरै खोरै।।2।। | ||
थोरैं थोरैं मुसियत, परायौ धंनां। | थोरैं थोरैं मुसियत, परायौ धंनां। | ||
कहै रैदास सुनौं, संत | कहै रैदास सुनौं, संत जनां।।3।। | ||
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Latest revision as of 10:10, 1 November 2014
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कोई सुमार न देखौं, ए सब ऊपिली चोभा। |
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |