तुझहि चरन अरबिंद -रैदास: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
प्रीति चौधरी (talk | contribs) ('{{पुनरीक्षण}} {| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "३" to "3") |
||
(2 intermediate revisions by the same user not shown) | |||
Line 34: | Line 34: | ||
तुझहि चरन अरबिंद भँवर मनु। | तुझहि चरन अरबिंद भँवर मनु। | ||
पान करत पाइओ, पाइओ रामईआ धनु।। टेक।। | पान करत पाइओ, पाइओ रामईआ धनु।। टेक।। | ||
कहा भइओ जउ तनु भइओ छिनु छिनु। प्रेम जाइ तउ डरपै तेरो | कहा भइओ जउ तनु भइओ छिनु छिनु। प्रेम जाइ तउ डरपै तेरो जनु।।1।। | ||
संपति बिपति पटल माइआ धनु। ता महि भगत होत न तेरो | संपति बिपति पटल माइआ धनु। ता महि भगत होत न तेरो जनु।।2।। | ||
प्रेम की जेवरी बाधिओ तेरो जन। कहि रविदास छूटिबो कवन | प्रेम की जेवरी बाधिओ तेरो जन। कहि रविदास छूटिबो कवन गुनै।।3।। | ||
</poem> | </poem> | ||
{{Poemclose}} | {{Poemclose}} |
Latest revision as of 10:10, 1 November 2014
चित्र:Icon-edit.gif | इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
| ||||||||||||||||
|
तुझहि चरन अरबिंद भँवर मनु। |
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |