दरसन दीजै राम दरसन दीजै -रैदास: Difference between revisions
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दरसन दीजै हो बिलंब न कीजै।। टेक।। | दरसन दीजै हो बिलंब न कीजै।। टेक।। | ||
दरसन तोरा जीवनि मोरा, बिन दरसन का जीवै हो | दरसन तोरा जीवनि मोरा, बिन दरसन का जीवै हो चकोरा।।1।। | ||
माधौ सतगुर सब जग चेला, इब कै बिछुरै मिलन | माधौ सतगुर सब जग चेला, इब कै बिछुरै मिलन दुहेला।।2।। | ||
तन धन जोबन झूठी आसा, सति सति भाखै जन | तन धन जोबन झूठी आसा, सति सति भाखै जन रैदासा।।3।। | ||
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दरसन दीजै राम दरसन दीजै। |
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |