करंधम: Difference between revisions

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Latest revision as of 08:30, 24 April 2011

  • करंधम वैवस्वत मनु के वंश में राजा विविंश के पंद्रह पुत्रों में सबसे बड़ा था।
  • करंधम बड़ा पराक्रमी था।
  • करंधम ने निष्कंटक राज्य तो प्राप्त कर लिया, किन्तु प्रजा में अनुराग न होने के कारण वह बहुत समय तक अपने राज्य को चला नहीं पाया। प्रजाजनों ने करंधम को हटाकर उसके पुत्र सुवर्चा को राजगद्दी पर प्रतिष्ठित कर दिया।
  • सुवर्चा अत्यन्त धर्मात्मा था, किन्तु वह धन और वाहन की सुरक्षा नहीं कर पाया।
  • शत्रुओं ने सुवर्चा पर आक्रमण कर दिया। अपनी प्रजा सहित संकट से घिरकर उसने अपने हाथ को मुँह से लगाकर शंख की भाँति बजाया, इससे बहुत बड़ी सेना प्रकट हुई। उसकी सहायता से राजा ने शत्रुओं पर विजय प्राप्त की तथा उस सेना का नाम करंधम पड़ गया।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

विद्यावाचस्पति, डॉ. उषा पुरी भारतीय मिथक कोश (हिन्दी)। भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: नेशनल पब्लिशिंग हाउस, नयी दिल्ली, पृष्ठ सं 51।


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