बरजि हो बरजि बीठल -रैदास: Difference between revisions
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महा प्रबल सब हीं बसि कीये, सुर नर मुनि भरमाया।। टेक।। | महा प्रबल सब हीं बसि कीये, सुर नर मुनि भरमाया।। टेक।। | ||
बालक बिरधि तरुन अति सुंदरि, नांनां भेष बनावै। | बालक बिरधि तरुन अति सुंदरि, नांनां भेष बनावै। | ||
जोगी जती तपी संन्यासी, पंडित रहण न | जोगी जती तपी संन्यासी, पंडित रहण न पावै।।1।। | ||
बाजीगर की बाजी कारनि, सबकौ कौतिग आवै। | बाजीगर की बाजी कारनि, सबकौ कौतिग आवै। | ||
जो देखै सो भूलि रहै, वाका चेला मरम जु | जो देखै सो भूलि रहै, वाका चेला मरम जु पावै।।2।। | ||
खंड ब्रह्मड लोक सब जीते, ये ही बिधि तेज जनावै। | खंड ब्रह्मड लोक सब जीते, ये ही बिधि तेज जनावै। | ||
स्वंभू कौ चित चोरि लीयौ है, वा कै पीछैं लागा | स्वंभू कौ चित चोरि लीयौ है, वा कै पीछैं लागा धावै।।3।। | ||
इन बातनि सुकचनि मरियत है, सबको कहै तुम्हारी। | इन बातनि सुकचनि मरियत है, सबको कहै तुम्हारी। | ||
नैन अटकि किनि राखौ केसौ, मेटहु बिपति | नैन अटकि किनि राखौ केसौ, मेटहु बिपति हमारी।।4।। | ||
कहै रैदास उदास भयौ मन, भाजि कहाँ अब जइये। | कहै रैदास उदास भयौ मन, भाजि कहाँ अब जइये। | ||
इत उत तुम्ह गौब्यंद गुसांई, तुम्ह ही मांहि | इत उत तुम्ह गौब्यंद गुसांई, तुम्ह ही मांहि समइयै।।5।। | ||
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Latest revision as of 11:42, 3 August 2017
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बरजि हो बरजि बीठल, माया जग खाया। |
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |