देखो-सोचो-समझो -भगवतीचरण वर्मा: Difference between revisions
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चुटकी भर मिरचे में, मुट्ठी भर चीनी में, | चुटकी भर मिरचे में, मुट्ठी भर चीनी में, | ||
ज़िन्दगी तुम्हारी सीमित है, इतना सच है, | ज़िन्दगी तुम्हारी सीमित है, इतना सच है, | ||
इससे जो कुछ | इससे जो कुछ ज़्यादा, वह सब तो लालच है | ||
दोस्त उम्र कटने दो इस तमाशबीनी में । | दोस्त उम्र कटने दो इस तमाशबीनी में । |
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देखो, सोचो, समझो, सुनो, गुनो औ' जानो |
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