चित्रशिखण्डी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replacement - "अर्थात " to "अर्थात् ")
 
(One intermediate revision by one other user not shown)
Line 1: Line 1:
'''चित्रशिखण्डी''' [[हिन्दू]] पौराणिक ग्रंथ [[महाभारत]] के अनुसार [[मरीचि]], [[अत्रि]], [[अंगिरा]], [[पुलस्त्य]], [[पुलह]], [[क्रतु]], [[वसिष्ठ]], इन सात [[ऋषि|ऋषियों]] के समुदाय को
'''चित्रशिखण्डी''' का उल्लेख [[हिन्दू]] पौराणिक [[ग्रंथ]] [[महाभारत]] में हुआ है। [[मरीचि]], [[अत्रि]], [[अंगिरा]], [[पुलस्त्य]], [[पुलह]], [[क्रतु]], [[वसिष्ठ]], इन सात [[ऋषि|ऋषियों]] के समुदाय को चित्रशिखण्डी
कहते हैं। ये सातों ऋषि प्रकृति के सात रूप हैं अर्थात प्रजा के स्रष्टा हैं।
कहते हैं। ये सातों [[ऋषि]] प्रकृति के सात रूप हैं अर्थात् प्रजा के स्रष्टा हैं।


{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम= महाभारत शब्दकोश|लेखक= एस. पी. परमहंस|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या= 47|url=}}
{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=महाभारत शान्ति पर्व|लेखक=|अनुवादक=साहित्याचार्य पण्डित रामनारायणदत्त शास्त्री पाण्डेय 'राम'|आलोचक= |प्रकाशक=गीताप्रेस, गोरखपुर|संकलन=भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन=|पृष्ठ संख्या=5335|url=}}
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{पौराणिक चरित्र}}  
{{पौराणिक चरित्र}}
[[Category:महाभारत]][[Category:पौराणिक कोश]][[Category:महाभारत शब्दकोश]][[Category:पौराणिक चरित्र]]
[[Category:पौराणिक चरित्र]][[Category:महाभारत]][[Category:पौराणिक कोश]][[Category:महाभारत शब्दकोश]][[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Latest revision as of 07:50, 7 November 2017

चित्रशिखण्डी का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। मरीचि, अत्रि, अंगिरा, पुलस्त्य, पुलह, क्रतु, वसिष्ठ, इन सात ऋषियों के समुदाय को चित्रशिखण्डी कहते हैं। ये सातों ऋषि प्रकृति के सात रूप हैं अर्थात् प्रजा के स्रष्टा हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

महाभारत शान्ति पर्व |अनुवादक: साहित्याचार्य पण्डित रामनारायणदत्त शास्त्री पाण्डेय 'राम' |प्रकाशक: गीताप्रेस, गोरखपुर |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 5335 |


संबंधित लेख