जयौ रांम गोब्यंद बीठल बासदेव -रैदास: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "१" to "1") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "२" to "2") |
||
Line 45: | Line 45: | ||
श्रीपति सुनसि सीख संभाल प्रभु करहु मेरी।।1।। | श्रीपति सुनसि सीख संभाल प्रभु करहु मेरी।।1।। | ||
अहो देव कांम केसरि काल, भुजंग भांमिनी भाल। | अहो देव कांम केसरि काल, भुजंग भांमिनी भाल। | ||
लोभ सूकर क्रोध बर | लोभ सूकर क्रोध बर बारनूँ।।2।। | ||
ग्रब गैंडा महा मोह टटनीं, बिकट निकट अहंकार आरनूँ। | ग्रब गैंडा महा मोह टटनीं, बिकट निकट अहंकार आरनूँ। | ||
जल मनोरथ ऊरमीं, तरल तृसना मकर इन्द्री जीव जंत्रक मांही। | जल मनोरथ ऊरमीं, तरल तृसना मकर इन्द्री जीव जंत्रक मांही। |
Revision as of 10:03, 1 November 2014
चित्र:Icon-edit.gif | इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
| ||||||||||||||||
|
जयौ रांम गोब्यंद बीठल बासदेव। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख