या रमां एक तूं दांनां -रैदास: Difference between revisions

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बेअदब बदबखत बीरां, बेअकलि बदकार।।1।।
बेअदब बदबखत बीरां, बेअकलि बदकार।।1।।
मैं गुनहगार गुमराह गाफिल, कंम दिला करतार।
मैं गुनहगार गुमराह गाफिल, कंम दिला करतार।
तूँ दयाल ददि हद दांवन, मैं हिरसिया हुसियार।।२।।
तूँ दयाल ददि हद दांवन, मैं हिरसिया हुसियार।।2।।
यहु तन हस्त खस्त ख़राब, खातिर अंदेसा बिसियार।
यहु तन हस्त खस्त ख़राब, खातिर अंदेसा बिसियार।
रैदास दास असांन, साहिब देहु अब दीदार।।३।।  
रैदास दास असांन, साहिब देहु अब दीदार।।३।।  

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या रमां एक तूं दांनां -रैदास
कवि रैदास
जन्म 1398 ई. (लगभग)
जन्म स्थान काशी, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 1518 ई.
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
रैदास की रचनाएँ

या रमां एक तूं दांनां, तेरा आदू बैश्नौं।
तू सुलितांन सुलितांनां बंदा सकिसंता रजांनां।। टेक।।
मैं बेदियांनत बदनजर दे, गोस गैर गुफतार।
बेअदब बदबखत बीरां, बेअकलि बदकार।।1।।
मैं गुनहगार गुमराह गाफिल, कंम दिला करतार।
तूँ दयाल ददि हद दांवन, मैं हिरसिया हुसियार।।2।।
यहु तन हस्त खस्त ख़राब, खातिर अंदेसा बिसियार।
रैदास दास असांन, साहिब देहु अब दीदार।।३।।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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