तेरा जन काहे कौं बोलै -रैदास: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "२" to "2") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "३" to "3") |
||
Line 46: | Line 46: | ||
बोलि बोलि औरहि समझावै, तब लग समझि नहीं रे भाई। | बोलि बोलि औरहि समझावै, तब लग समझि नहीं रे भाई। | ||
बोलि बोलि समझि जब बूझी, तब काल सहित सब | बोलि बोलि समझि जब बूझी, तब काल सहित सब खाई।।3।। | ||
बोलै गुर अरु बोलै चेला, बोल्या बोल की परमिति जाई। | बोलै गुर अरु बोलै चेला, बोल्या बोल की परमिति जाई। |
Revision as of 10:10, 1 November 2014
चित्र:Icon-edit.gif | इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
| ||||||||||||||||
|
तेरा जन काहे कौं बोलै। |
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |