या रमां एक तूं दांनां -रैदास: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replace - "खराब" to "ख़राब")
Line 38: Line 38:
मैं गुनहगार गुमराह गाफिल, कंम दिला करतार।
मैं गुनहगार गुमराह गाफिल, कंम दिला करतार।
तूँ दयाल ददि हद दांवन, मैं हिरसिया हुसियार।।२।।
तूँ दयाल ददि हद दांवन, मैं हिरसिया हुसियार।।२।।
यहु तन हस्त खस्त खराब, खातिर अंदेसा बिसियार।
यहु तन हस्त खस्त ख़राब, खातिर अंदेसा बिसियार।
रैदास दास असांन, साहिब देहु अब दीदार।।३।।  
रैदास दास असांन, साहिब देहु अब दीदार।।३।।  



Revision as of 13:58, 25 August 2012

चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
या रमां एक तूं दांनां -रैदास
कवि रैदास
जन्म 1398 ई. (लगभग)
जन्म स्थान काशी, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 1518 ई.
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
रैदास की रचनाएँ

या रमां एक तूं दांनां, तेरा आदू बैश्नौं।
तू सुलितांन सुलितांनां बंदा सकिसंता रजांनां।। टेक।।
मैं बेदियांनत बदनजर दे, गोस गैर गुफतार।
बेअदब बदबखत बीरां, बेअकलि बदकार।।१।।
मैं गुनहगार गुमराह गाफिल, कंम दिला करतार।
तूँ दयाल ददि हद दांवन, मैं हिरसिया हुसियार।।२।।
यहु तन हस्त खस्त ख़राब, खातिर अंदेसा बिसियार।
रैदास दास असांन, साहिब देहु अब दीदार।।३।।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख