उत्तमौजा: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''उत्तमौजा''' उत्तर वैदिक परंपरा में सृंजय [[पांचाल|पा...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
Line 1: Line 1:
'''उत्तमौजा''' उत्तर वैदिक परंपरा में सृंजय [[पांचाल|पांचालों]] के साथ संबद्ध दिखलाए गए हैं। [[महाभारत]] में उत्तमौजा को पांचाल तथा सृंजय दोनों ही कहा गया है। महाभारत के पात्रों में उत्तमौजा एक पराक्रमी राजा था, जिसे 'युद्धविशारद' और 'वीर्यवान' कहा गया है, और जिसने [[पांडव|पांडवों]] की ओर से युद्ध किया था।[[चन्द्रचूड़ मणि, हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2, पृष्ठ संख्या 67 ]]
'''उत्तमौजा''' उत्तर वैदिक परंपरा में सृंजय [[पांचाल|पांचालों]] के साथ संबद्ध दिखलाए गए हैं। [[महाभारत]] में उत्तमौजा को पांचाल तथा सृंजय दोनों ही कहा गया है। महाभारत के पात्रों में उत्तमौजा एक पराक्रमी राजा था, जिसे 'युद्धविशारद' और 'वीर्यवान' कहा गया है, और जिसने [[पांडव|पांडवों]] की ओर से युद्ध किया था।<ref>चन्द्रचूड़ मणि, हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2, पृष्ठ संख्या 67 </ref>





Revision as of 08:45, 8 December 2013

उत्तमौजा उत्तर वैदिक परंपरा में सृंजय पांचालों के साथ संबद्ध दिखलाए गए हैं। महाभारत में उत्तमौजा को पांचाल तथा सृंजय दोनों ही कहा गया है। महाभारत के पात्रों में उत्तमौजा एक पराक्रमी राजा था, जिसे 'युद्धविशारद' और 'वीर्यवान' कहा गया है, और जिसने पांडवों की ओर से युद्ध किया था।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. चन्द्रचूड़ मणि, हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2, पृष्ठ संख्या 67

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख