भाई रे सहज बन्दी लोई -रैदास: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "१" to "1") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "२" to "2") |
||
Line 37: | Line 37: | ||
कहाँ ते तुम आयो रे भाई, जाहुगे किस देस।।1।। | कहाँ ते तुम आयो रे भाई, जाहुगे किस देस।।1।। | ||
कहिये तो कहिये काहि कहिये, कहाँ कौन पतियाइ। | कहिये तो कहिये काहि कहिये, कहाँ कौन पतियाइ। | ||
रैदास दास अजान है करि, रह्यो सहज | रैदास दास अजान है करि, रह्यो सहज समाइ।।2।। | ||
</poem> | </poem> | ||
{{Poemclose}} | {{Poemclose}} |
Latest revision as of 10:03, 1 November 2014
चित्र:Icon-edit.gif | इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
| ||||||||||||||||
|
भाई रे सहज बन्दी लोई, बिन सहज सिद्धि न होई। |
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |