गोबिंदे तुम्हारे से समाधि लागी -रैदास: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "२" to "2") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "३" to "3") |
||
Line 36: | Line 36: | ||
जाके तीन नैन अमृत बैन, सीसा जटाधारी, कोटि कलप ध्यान अलप, मदन अंतकारी।।1।। | जाके तीन नैन अमृत बैन, सीसा जटाधारी, कोटि कलप ध्यान अलप, मदन अंतकारी।।1।। | ||
जाके लील बरन अकल ब्रह्म, गले रुण्डमाला, प्रेम मगन फिरता नगन, संग सखा बाला।।2।। | जाके लील बरन अकल ब्रह्म, गले रुण्डमाला, प्रेम मगन फिरता नगन, संग सखा बाला।।2।। | ||
अस महेश बिकट भेस, अजहूँ दरस आसा, कैसे राम मिलौं तोहि, गावै | अस महेश बिकट भेस, अजहूँ दरस आसा, कैसे राम मिलौं तोहि, गावै रैदासा।।3।। | ||
</poem> | </poem> | ||
{{Poemclose}} | {{Poemclose}} |
Latest revision as of 10:10, 1 November 2014
चित्र:Icon-edit.gif | इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
| ||||||||||||||||
|
गोबिंदे तुम्हारे से समाधि लागी। |
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |