ब्रह्मदत्त: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replacement - " दुख " to " दु:ख ")
Line 8: Line 8:
मतिमान हंसन को मानसरवर है
मतिमान हंसन को मानसरवर है
दीपनारायन, अवनीप को अनुज प्यारो,
दीपनारायन, अवनीप को अनुज प्यारो,
दीन दुख देखत हरत हरबर है।
दीन दु:ख देखत हरत हरबर है।
गाहक गुनी को, निरबाहक दुनी को नीको,
गाहक गुनी को, निरबाहक दुनी को नीको,
गनी गज बकस गरीबपरवर है</poem>
गनी गज बकस गरीबपरवर है</poem>

Revision as of 14:00, 2 June 2017

  • ब्रह्मदत्त ब्राह्मण थे और काशी नरेश 'महाराज उदितनारायण' सिंह के छोटे भाई 'बाबू दीपनारायण सिंह' के आश्रित थे।
  • इन्होंने संवत 1860 में 'विद्वविलास' और 1865 में 'दीपप्रकाश' नामक एक अच्छा अलंकार का ग्रंथ बनाया।
  • इनकी रचना सरल और परिमार्जित है।

कुसल कलानि में, करनहार कीरति को,
कवि कोविदन को कलप तरुवर है।
सील सनमान बुद्धि विद्या को निधान ब्रह्म,
मतिमान हंसन को मानसरवर है
दीपनारायन, अवनीप को अनुज प्यारो,
दीन दु:ख देखत हरत हरबर है।
गाहक गुनी को, निरबाहक दुनी को नीको,
गनी गज बकस गरीबपरवर है



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

सम्बंधित लेख