इंद्रद्युम्न: Difference between revisions
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'''इंद्रद्युम्न''' पांड्य देश का राजा था। | '''इंद्रद्युम्न''' पांड्य देश का राजा था। | ||
Latest revision as of 08:10, 5 May 2018
चित्र:Disamb2.jpg इंद्रद्युम्न | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- इंद्रद्युम्न (बहुविकल्पी) |
इंद्रद्युम्न पांड्य देश का राजा था।
एक बार इंद्रद्युम्न ध्यान लगाए बैठा था। इतने में अगस्त्य ऋषि वहां आए। राजा ने उन्हें देखा नहीं था। इस पर ऋषि क्रोधित हो गए। उसे श्राप दिया कि 'तू मत्त हो गया है, इसलिए मदमस्त हाथी बन जा।' राजा ने बहुत विनय की तो ऋषि ने बताया कि जब तुझे पानी के अंदर मगर पकड़ेगा तो उस समय विष्णु तेरा उद्धार करेंगे। प्रसिद्ध गज-ग्राह युद्ध में मुक्ति पाने वाला यही इंद्रद्युम्न राजा था।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 87 |