व्यास स्मृति

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 10:46, 13 March 2011 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replace - "महत्व" to "महत्त्व")
Jump to navigation Jump to search
  • इसे स्मृतियों में विशिष्ट स्थान प्राप्त है।
  • इसमें वर्णाश्रम-धर्म सम्बन्धी उपदेश संकलित हैं 'धर्मान वर्ण व्यवस्यितान्'- (व्यास स्मृति)।
  • 4 अध्यायों 250 श्लोकों में धर्माचरण योग्य उत्तम देश, षोडस संस्कारों की विधि, गुरुमहिमा, गृहस्थ, पातिव्रत, रजोधर्म, गृहस्थ के नैमित्तिक एवं काम्यकर्मादि का तथा सदाचार आदि का तथा चौथे अध्याय के 50 श्लोकों में दानधर्म का महत्त्व प्रतिपादित है।

संबंधित लेख

श्रुतियाँ

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः