जब यार देखा नैन भर दिल की गई चिंता उतर ऐसा नहीं कोई अजब राखे उसे समझाए कर । जब आँख से ओझल भया, तड़पन लगा मेरा जिया हक्का इलाही क्या किया, आँसू चले भर लाय कर । तू तो हमारा यार है, तुझ पर हमारा प्यार है तुझ दोस्ती बिसियार है एक शब मिली तुम आय कर । जाना तलब तेरी करूँ दीगर तलब किसकी करूँ तेरी जो चिंता दिल धरूँ, एक दिन मिलो तुम आय कर । मेरी जो मन तुम ने लिया, तुम उठा गम को दिया तुमने मुझे ऐसा किया, जैसा पतंगा आग पर । खुसरो कहै बातों ग़ज़ब, दिल में न लावे कुछ अजब कुदरत खुदा की है अजब, जब जिव दिया गुल लाय कर ।