हरिनाथ

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
  • हरिनाथ काशी के रहने वाले गुजराती ब्राह्मण थे।
  • इन्होंने संवत 1826 में 'अलंकार दर्पण' नामक एक छोटा सा ग्रंथ बनाया जिसमें एक एक पद के भीतर कई कई उदाहण हैं।
  • इनका कार्य विलक्षण है। इन्होंने पहले अनेक दोहों में बहुत से लक्षण कहे हैं और फिर एक साथ सबके उदाहरण कवित्त आदि में दिए गए हैं।
  • कविता साधारणत: अच्छी है।

तरुनी लसति प्रकास तें मालति लसति सुबास।
गोरस गोरस देत नहिं गोरस चहति हुलास


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

सम्बंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः