भगति ऐसी सुनहु रे भाई -रैदास

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 10:03, 1 November 2014 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replace - "२" to "2")
Jump to navigation Jump to search
चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
भगति ऐसी सुनहु रे भाई -रैदास
कवि रैदास
जन्म 1398 ई. (लगभग)
जन्म स्थान काशी, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 1518 ई.
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
रैदास की रचनाएँ

भगति ऐसी सुनहु रे भाई।
आई भगति तब गई बड़ाई।। टेक।।
कहा भयौ नाचैं अरु गायैं, कहौं भयौ तप कीन्हैं।
कहा भयौ जे चरन पखालै, जो परम तत नहीं चीन्हैं।।1।।
कहा भयौ जू मूँड मुंड़ायौ, बहु तीरथ ब्रत कीन्हैं।
स्वांमी दास भगत अरु सेवग, जो परंम तत नहीं चीन्हैं।।2।।
कहै रैदास तेरी भगति दूरि है, भाग बड़े सो पावै।
तजि अभिमांन मेटि आपा पर, पिपलक होइ चुणि खावै।।३।।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः